सर्वनाम क्या है? सर्वनाम की परिभाषा व उसके प्रकार, व्याख्या सहित
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जाते हैं वे सर्वनाम कहलाते हैं जैसे मनीष अच्छा लड़का है। वह अपना कार्य स्वयं करता है। इस वाक्य में मनीष संज्ञा शब्द है तथा दूसरे वाक्य में वह "सर्वनाम" मनीष के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है । अर्थात् सब नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आए वह सर्वनाम है।
विशेष :
1. सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा कि पुनरुक्ति को दूर करने के लिए किया जाता है।
2. सर्वनाम शब्द दो शब्दों के मेल से बना है सर्व जिसका अर्थ है सब तथा नाम जिसका अर्थ है किसी का भी नाम। अतः सर्वनाम का अर्थ हुआ सभी नाम के बदले प्रयुक्त होने वाला नाम ।
3. सर्वनाम सभी संज्ञाओं के नाम है अतः ये किसी भी संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किये जा सकते हैं। ये कुल मिलाकर 11 है जैसे मैं, हम, तू, तुम, आप, यह, वह, जो कोई, कुछ, कौन, क्या आदि ।
4. सर्वनाम शब्द भाषा को सहज, सुंदर तथा सुविधाजनक बनाते हैं। यह कहा जा सकता है की भाषा में सुंदरता, संक्षिप्त तथा सुविधा तथा सरलता लाने के लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है।
5. सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है इसलिए संज्ञा के समान ही कारक के कारण इनमें विकार या परिवर्तन होता है। जैसे हमने, हमको, मेरे, मुझको आदि । संज्ञा की भांति सर्वनाम को भी एक वचन या बहुवचन का रूप दिया जा सकता है।
6. संज्ञा के समान सर्वनाम के साथ संबोधन का प्रयोग नहीं किया जा सकता ।
सर्वनाम के भेद
1. पुरुषवाचक सर्वनाम में, हम, तुम, तो, आप, वह, ये ।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम वह (दूरवर्ती ), यह ( निकटवर्ती)
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम कोई ( प्राणीवाचक ), कुछ ( अप्राणीवाचक )
4. संबंधवाचक सर्वनाम जो- सो ( वह )
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम कौन (प्राणीवाचक), क्या (अप्राणीवाचक)
6. निजवाचक सर्वनाम स्वयं ( आप)।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम पुरूषों ( स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं। उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है । पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं
1. उत्तम पुरुष -
बोलने, लिखने, कहने वाला अर्थात वक्ता स्वयं अपने नाम के बदले जिस सर्वनाम का प्रयोग करता है उसे उत्तम पुरुष कहते हैं ।
जैसे- मैं, हम, मैंने, हमने, मुझे, मुझको , हमें, हमको आदि।
2. मध्यम पुरुष -
कहने, बोलने या लिखने वाला जिसके लिए कुछ कहे या लिखे या जिससे बात करें अर्थात् श्रोता के नाम के बदले प्रयोग किया जाने वाला सर्वनाम शब्द मध्यम पुरुष कहलाते हैं ।
जैसे - तू , तुम, तुझे, तुम्हें, तूने , तुमने, तुमसे, तुमको, आप, आपने, तुम्हारा, आपका आदि।
3. अन्य पुरुष -
इन दोनों वक्ता और श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य ( तीसरे पुरुष) के लिए अन्य पुरुष का प्रयोग होता है |
जैसे - वह, वे, उन्हें, उसे, उसने, उन्होंने, वे लोग आदि।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
निकट या दूर के व्यक्तियों या वस्तुओं का निश्चयात्मक संकेत जिन शब्दों से व्यक्त होता है उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे - यह, वह, ये, वे
- यह मेरी पुस्तक है।
- वह उनकी मेज है ।
- ये मेरे हथियार हैं।
- वे तुम्हारे आदमी है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध नहीं होता, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे- कोई, कुछ |
नोट : 1. 'कोई' का प्रयोग सजीव के लिए तथा 'कुछ' का प्रयोग वस्तु या छोटे जीव जंतु के लिए करते हैं कभी-कभी कुछ शब्द समूह भी अनिश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त होते हैं जैसे - कुछ ना कुछ, कोई ना कोई, सब कुछ, हर कोई, कुछ भी, कुछ कुछ आदि ।
4. संबंधवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी दूसरे सर्वनाम या संज्ञा से संबंध स्थापित किया जाए उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे - जो-सो, जिसकी, उसकी, जहां - वहां, जैसा-तैसा, जैसी-वैसी आदि।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या प्राणी या क्रिया व्यापार आदि के विषय में प्रश्न का बोध कराते हैं। वह प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं | जैसे - कौन, क्या
विशेष:-
1. कौन का प्रयोग मनुष्य के लिए तथा क्या का प्रयोग जीव जंतु, कीट पतंग के लिए किया जाता है ।
2. कौन के साथ सा सी आदि जुड़ा रहने पर यह निर्जीव वस्तु के लिए प्रयोग किया जाता है ।
3. कभी-कभी क्या का प्रयोग व्यंग्य, प्रशंसा, तुच्छता, या नकारात्मक भावों के लिए भी किया जाता है ।
6. निजवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम शब्द नीज अर्थात स्वयं के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं, निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। इन सर्वनाम का प्रयोग वाक्य के कर्ता के साथ अपनापन जताने के लिए किया जाता है |
जैसे - आप, स्वयं, अपने आप, खुद, आप ही आप आदि।
- वह अपने घर गया ।
- आप स्वयं चलकर देखें ।
- वह स्वत मेरी बात समझ गया।
विशेष : -
1. पुरुष वाचक तथा निजवाचक 'आप' में बहुत अंतर होता है। पुरुषवाचक सर्वनाम में 'आप' का प्रयोग एक वचन के लिए तथा आप लोग का प्रयोग बहुवचन के आदर प्रदर्शित करने के लिए करते हैं ।
2. पुरुषवाचक आप प्रायः मध्यम पुरुष तथा कभी-कभी अन्य पुरुष के लिए प्रयुक्त होता है, जबकि निजवाचक आप तीनों पुरुषों के लिए आता है। जैसे
3. पुरुष वाचक आप वाक्य में अकेले ही आता है लेकिन निजवाचक आप संज्ञा या दूसरे सर्वनाम के साथ आता है | जैसे-